Tuesday 15 March 2016

True Education story in hindi सच्ची पढ़ाई




एक बार एक कंपनी में २ employees थे  .  employee A स्टाइलिश,  कॉंफिडेंट था  employee B उतना  sophisticated  नही था. पर B को A से ज़यदा Opportunity मिलती. एक बार A ने कंपनी के सीईओ से पूछा की B को क्यों ज़यदा सम्मान मिलता है जबकि वो B से ज़यदा  पढ़ा लिखा है.
तो सीईओ ने जो कहा उससे A को समझ आ गया की वो B की तरह क्यों नहीं है
Question 1.ऐसा सीईओ ने क्या कहा?
 २.इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?

Answer
१. सीईओ ने कहा तुमने किताबो को पढ़कर सीखा है पर B ने ज़िंदगी की कताब को पढ़कर सीखा है
२.सिर्फ किताबो को पढ़कर हम क्वालिफिकेशन तो बढ़ा सकते हैं पर अपने experience से हमें प्रैक्टिकल नॉलेज आती है.और प्रैक्टिकल नॉलेज आती हैं विश्लेषण  और  कल्पनाशक्ति से . किसी भी प्रॉब्लम का  जब हम विश्लेषण करते हैं तो हम उससे बहुत कुछ सिख पाते  हैं.  अपनी कल्पनाशक्ति  को बढ़ते जाएं जितने भी अविष्कार हुए हैं वो सब कल्पनाशक्ति के बल पर ही हुए हैं .
ग्रैहम बेल्ल  ने कल्पना की हम दूर रहकर भी कैसे बात कर सकते हैं तो टेलीफोन का अविष्कार हो गया. 

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